अटल पेंशन योजना | Atal pension Yojana in Hindi
किसी भी भारतीय को बुढ़ापे में बीमारी, एक्सीडेंट या किसी भी परेशानी आने पर पैसे ना होने की वजह से मुश्किल का सामना ना करना पड़े, इसी सोच के साथ नमो सरकार ने केंद्र में आने पर आम आदमी के लिए वित्तीय सुरक्षा की ओर कदम बढ़ाया।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, वित्तीय मंत्री, अरुण जेटली ने भारत की वित्तीय सुरक्षा के लिए अपना पहला कदम आगे बढ़ाते हुए 2015 में सबसे पहले “प्रधानमंत्री जन धन योजना” की शुरुआत की, जो अपने पहले चरण में काफी सफल हुई। इस योजना की सफलता के बाद, इसे आदर्श मान कर आगे बढ़ते हुए वित्तीय सुरक्षा के लिए अगला कदम राष्ट्रीय पेंशन योजना के रूप में बढ़ाया. इस योजना का नाम हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपायी के नाम पर रखा गया। “अटल पेंशन योजना”, इसे 1 जून 2015 को लागू किया गया ।
- क्या है अटल पेंशन योजना?
इस योजना के तहत वे लोग जो किसी भी निजी विभाग में अथवा ऐसे रोजगार से सम्बन्ध रखते हैं जिन्हें सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन सुविधा नहीं है, वे इस योजना का फायदा उठा सकते हैं। प्रत्येक वर्ग की जनता के लिए महीने या साल की आसान किश्तों में ही पेंशन सुविधा देने के लिए यह योजना लागू की गई ।
इस योजना में 1000 से लेकर 5000 तक की सालाना किश्त 5 साल तक की अवधि के लिए भरी जाती है। व्यक्ति की उम्र तथा माह की किश्त के अनुसार 60 साल की उम्र होने पर मिलने वाली पेंशन तय की जाती है । अगर पेंशन शुरू होने के पहले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है ,तो उस परिस्थिति में व्यक्ति का जीवनसाथी या उसने जिस व्यक्ति को नॉमिनी के रूप में चुना है, वह पेंशन के लिए दावेदार होता है ।इस योजना के तहत आने वाली राशि का हिसाब रखने के लिए सरकार ने इन्वेस्टमेंट पैटर्न के आधार पर पेंशन फंड्स बनाये हैं।
इस योजना के तहत व्यक्ति अपनी परिस्थिति तथा सुविधानुसार 1000 से 5000 रुपयों की राशि को चुन सकता है, जिसे उसे सालभर में भरना होता है। यह राशि महीने की आसान किश्तों में भी भरी जा सकती है। जो राशि व्यक्ति सालभर में भरना सुनिश्चित करता है उसे अपनी सुविधानुसार प्रत्येक माह की किश्त में भी भर सकता है।
इस योजना के अनुसार 5 साल तक की अवधि में व्यक्ति द्वारा जितनी राशि जमा की जाती है, उस राशि का 50% व्यक्ति के खाते में सरकार द्वारा जमा करना सुनिश्चित किया गया है। व्यक्ति एवं सरकार द्वारा जमा की गई कुल राशि व्यक्ति को सेवानिवृत्ति की उम्र से प्रत्येक माह पेंशन के रूप में मिलना शुरू हो जाती है।
- कौन उठा सकते हैं इस योजना के फायदे :
- प्रत्येक व्यक्ति जिसकी उम्र 18 से 40 वर्ष तक हैं , वे आसानी से इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
- प्रत्येक वर्ग जो निजी संस्थान अथवा ऐसे विभाग में कार्य करते हैं, जहां सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन नहीं मिलती है, वे इस योजना द्वारा पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।
- वह व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय कम हो एवं जो आयकर चुकाने के दायरे में नहीं आता हो।
- किसी भी बैंक का खाताधारक इस योजना का आसानी से लाभ उठा सकता है।
- अटल पेंशन योजना में कैसे बने सहभागी :
इस योजना का सहभागी बनना बहुत ही आसान है। किसी भी बैंक का खाताधारक इस योजना में सहभागी हो सकता है। बस आपको करना सिर्फ इतना है की, जिस भी बैंक में आपका खाता है, उस बैंक में जा कर अटल पेंशन योजना का फॉर्म लीजिये, उसमें पूछी गयी जानकारी भरिये तथा उसे अपनी संबंधित शाखा में जमा कर दीजिये। फॉर्म में आपसे सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी का ब्यौरा होता है जो आपके द्वारा भरा जाना होता है-जैसे आपका नाम, खाता क्रमांक, आपके जीवनसाथी एवं नॉमिनी का नाम तथा आपने एक वर्ष के लिए कितनी राशि का चुनाव किया जिसका भुगतान आप मासिक किश्तों में करेंगे।
- ऐसे खाताधारक जिनका “स्वावलम्बन योजना” में खाता है एवं जो इस योजना के सदस्य थे वे स्वतःरूप से ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं। स्वावलंबन योजना के असफल होने पर इस योजना को अटल पेंशन योजना से जोड़ दिया गया है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए खाताधारक के खाते में पर्याप्त बैलेंस होना चाहिए। अगर यह नहीं होता है तो अटल पेंशन योजनाधारी के खाते पर मासिक जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
प्रत्येक व्यक्ति के माह की किश्त के अनुसार यह जुर्माना प्रति माह लिया जाता है, जो इस प्रकार है :
- अगर व्यक्ति की मासिक किश्त 100 रुपये तक है , तो उसे 1 रुपये प्रति माह जुर्माना देना होगा।
- अगर 101-500 रुपये के बीच किश्त तय होती है तो उसे 2 रुपये का जुर्माना लगेगा।
- अगर 501- 1001 रुपये किश्त हो तो 5 रुपये जुर्माना।
- तथा 1001 रुपये से अधिक की मासिक किश्त पर 10 रुपये प्रति माह शुल्क लिया जाता है।
- वह परिस्थितियां जिनमे अटल पेंशन योजना खाता बंद हो सकता है :
सरकार ने राशि के भुगतान का समय सेवानिवृत्ति की उम्र अर्थात 60 वर्ष तय की है। अतः इसके बाद ही व्यक्ति को पेंशन मिलना सुनिश्चित किया गया है। लेकिन इसके लिए आपको तय की गयी राशि मासिक या सालाना किश्त को 5 वर्ष की अवधी तक बिना चूक किये भरना होगा। अगर आप ऐसा नहीं कर पाते तो एक समयावधि के बाद आपका अटल पेंशन योजना खाता बंद हो सकता है ।
तो आइये जाने की किन किन परिस्थिति में आपके लिए यह योजना बंद हो सकती है :
- अगर आपने किश्त को प्रति माह भरने के लिए चुना है और 6 माह तक आपने कोई किश्त नहीं भरी है, तो आपका खाता वहीं रुक जाएगा। इसे फिर से उपयोग में लाने के लिए आपको ६ माह की राशि एक साथ जमा करनी होगी।
- अगर आपने 12 माह अर्थात 1 वर्ष तक किश्त का भुगतान नहीं किया तो आपका अटल पेंशन योजना का खाता बंद हो जाएगा जिसे आपको पुनः फॉर्म भर कर चालु करवाना होगा।
- लेकिन अगर 5 साल की अवधि में आप 2 वर्ष की किश्त नही चूकाते हैं ,तो आपका अटल पेंशन योजना खाता बंद कर दिया जावेगा जिसे आप दोबारा नहीं खुलवा पाएंगे।
इसीलिए अगर आप इस लाभदायी योजना का सही में फायदा उठाना चाहते हैं, तो बीना किसी चूक के सिर्फ 5 वर्ष की आसान किश्त चुकइये और सेवानिवृत्ति के बाद चिंता मुक्त हो कर पेंशन का लाभ लीजिये।
- बुढ़ापे का साथी :
वे लोग जो बिना पेंशन लाभ वाली नौकरी करते हैं सेवानिवृत्ति के बाद जीवन की गाड़ी चलाने में कठिनाई महसूस करते हैं। जबतक वे नौकरी करते हैं तब तो उनका जीवन आसानी से गुजर बसर होता है, परन्तु सेवानिवृत्ति के बाद आमदनी बंद हो जाती है। अटल पेंशन योजना में लगाया धन सेवानिवृत्ति की उम्र यानी ६० साल की उम्र से प्रत्येक माह मिलना शुरू हो जाता है, जिससे व्यक्ति पेंशन लाभ लेते हुए बिना किसी चिंता के जीवन यापन कर सकता है। यह योजना गरीबों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
- बैंक खाता ना होने पर निराश ना हो:
जिन व्यक्तियों का किसी भी बैंक में में कोई खाता नहीं है ,उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। यदि आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो ,जल्दी कीजिये ।किसी भी बैंक में जाइये अपना खाता खुलवाइये और इस योजना का लाभ उठाइये।
नया खाता खुलवाने के लिए आपको बैंक में खाते खोलने के फॉर्म के साथ कयक जानकारी अर्थात (know your customer) फॉर्म तथा अपना आधार कार्ड जमा करना होता है।एक बार बैंक में खाता खुलने के बाद आप इस योजना का फॉर्म भर इस पेंशन सुविधा का लाभ लेने के लिए सक्षम हो जाएंगे।
- इस योजना से अलग होना :
सामान्य परिस्थितियों में कोई भी अटल पेंशन योजना खाताधारक 60 वर्ष की उम्र के पहले इस योजनाको छोड़ नहीं सकता है। व्यक्ति की मृत्यु के बाद ही वह इस योजना से अलग होता है, जिसक बाद उसके नॉमिनी या जीवनसाथी को पेंशन मिलने का प्रावधान है। लेकिन इसके लिए व्यक्ति को पूरे 5 वर्ष तक तय की गई राशि का भुगतान करना अनिवार्य होता है।
- अटल पेंशन योजना फॉर्म :
इस योजना का लाभ भारत का प्रत्येक नागरिक, चाहे वह किसी भी राज्य का हो , ले सकता है। इसके लिए फॉर्म विभिन्न भाषा – इंग्लिश, हिंदी, गुजराती, बांग्ला, ओड़िआ, कन्नड़, मराठी,तेलुगु ,तमिल भाषा में फॉर्म उपलब्ध हैं। तो दैर किस बात की अभी ही डाउनलोड कीजिये फॉर्म और लीजिये इस अटल पेंशन योजना का अटल फायदा ।
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